अभी जो तेरे पास हूँ...
अभी जो तेरे पास हूँ
तो गुनगुना जरा मुझे..
अभी जो तेरे साथ हूँ
तो आजमा जरा मुझे
जिंदगी के इस सफर में
पल दो पल का साथ है
रास्ते जुदा न हो ये
तब तलक की बात है
जो इस सफर में मैं तेरी
हमसफर हूँ तो अभी
मेरे दिल की सुन भी ले
कुछ अपनी भी सुना मुझे
अभी जो तेरे पास हूँ
तो गुनगुना जरा मुझे..
चार दिन की जिंदगी में
चार दिन का साथ है
चार दिन की रोशनी है
चार दिन की रात है
चाँद चाँदनी से कुछ
कह रहा है सुन जरा
तू भी अपनी धडकने
गिन जरा गिना मुझे
अभी जो तेरे पास हूँ
तो गुनगुना जरा मुझे
अभी जो तेरे साथ हूँ
तो आजमा जरा मुझे
मंजिलें नज़र जो आ गई तो फिर
खत्म हो गया जो ये सफर तो फिर
होंगे तुम कहीं तो कहीं और मैं
याद करोगे मुझे और मैं तुम्हें
तनहाइयों के इस सफर में तू जरा
रंग महफिलों के सब दिखा मुझे
अभी जो तेरे पास हूँ
तो गुनगुना जरा मुझे
अभी जो तेरे साथ हूँ
तो आजमा जरा मुझे
©ऋचा दीपक कर्पे