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मुक्तक 15 नहीं होती

उस शक्श से कोई बात नहीं होती

दिन नहीं गुज़रता रात नहीं होती

ना खफ़ा हुआ करें वो हमसे 

उसके बिना मुक्कलमल मेरी जान नहीं होती

©Niks ???? Se ???? Tak

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