मुक्तक 14 बैठी हूं
तस्वीर आपकी आज भी जलाने बैठी हूं
दिलको मेरे तोड़ने के बाद मनाने बैठी हूं
माना आप रूस्वा हैं हमसे तभी तो दूर है
फ़िरभी आपके आनेकी आस लगाएं बैठी हूं
©Niks ???? Se ???? Tak
तस्वीर आपकी आज भी जलाने बैठी हूं
दिलको मेरे तोड़ने के बाद मनाने बैठी हूं
माना आप रूस्वा हैं हमसे तभी तो दूर है
फ़िरभी आपके आनेकी आस लगाएं बैठी हूं
©Niks ???? Se ???? Tak