प्यार को कोई नाम ना देना
अल्हड़ याैवन की गलियों काे
चंचल मन की रंगरलियों को
प्रीत प्यार का नाम न देना
इक दिन याैवन ढल जाए तो
निर्मोही मन छल जाए तो
प्यार को तुम इल्ज़ाम न देना
प्रीत ताे प्राणों की गाथा है
एक शाश्वत परिभाषा है
इसे कोई भी नाम न देना
प्राणों का संसार अमर है
प्रीत अमर है प्यार अमर है
प्रेम के प्यासे योगी को तुम
तृष्णाओं का जाम न देना
प्यार को कोई नाम न देना
विमल "निशात"
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