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प्यार को कोई नाम ना देना

अल्हड़ याैवन की गलियों काे
चंचल मन की रंगरलियों को
प्रीत प्यार का नाम न देना

इक दिन याैवन ढल जाए तो
निर्मोही मन छल जाए तो
प्यार को तुम इल्ज़ाम न देना

प्रीत ताे प्राणों की गाथा है
एक शाश्वत परिभाषा है
इसे कोई भी नाम न देना

प्राणों का संसार अमर है
प्रीत अमर है प्यार अमर है

प्रेम के प्यासे योगी को तुम
तृष्णाओं का जाम न देना
प्यार को कोई नाम न देना

विमल "निशात"
Vimalnishaat10@gmail.com

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