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किस्मत


लोग कहते हैं की पुराने दास्ताने को
भूल जावो यारो l
जाने दो यारो मेरी किस्समत भी है ऐसी
कैसे भुला दु उसे
मेरी किस्मत भरी जिंदगी है वो l

अंनजाने हुयी कभी शरारात
ये हुयी ना हरकत मुझसे l
इतनी सी गलती माफ करके
कभी अलविदा ना कहना l

ये जालीम तेरे ओठोपे
मेरा नाम लिखा है l
कैसे भूल जाऊ
दिनरात सुकून मिलता हैं l

अजीब आज की रात है
नजदिक नही है हम l
कैसी रात कटेगी
ये सोचते है हम l

 

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