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शिव भजन

दिया है अधिकार प्रभु मुझे हर जन्म के साथ,

क्यों फिर बस नमन करूं मैं जोड़ के अपने हाथ।

हे प्रभु! मुझको बता दो रहस्य मेरे जनम का,

इस जन्म अर्पण करूं मैं आपको क्या सौगात।


चन्द्र भाल पे गंग जटा पे सुनलो ओ त्रिनेत्र,

लोककल्याण ध्यानमग्न शमशान में ओ योगेन्द्र।

तू काम हरण, मैं तेरी शरण, तू है सनातनाय,

हे मृत्युंजय नीलकंठ शिव, ध्यान है अमृतात।


दिया है अधिकार प्रभु मुझे हर जन्म के साथ,

क्यों फिर बस नमन करूं मैं जोड़ के अपने हाथ।


तू शिव - तू भोला - तू ही रहस्यों का ज्ञाता,

दिगम्बर वेशधारी तू सर्व उर्जा का प्रदाता।

मैं मूरख ना समझूं तेरी कथनी तेरे वचन को,

संग मेरे है शिव सदा बाकी सब है अज्ञात।


दिया है अधिकार प्रभु मुझे हर जन्म के साथ,

क्यों फिर बस नमन करूं मैं जोड़ के अपने हाथ।

-०-


- डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

उदयपुर - राजस्थान

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