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चल ज़िंदगी थोड़ा और चले

चल ज़िन्दगी थोड़ा और चलें

भले रास्ते में आएं अटकलें

कठिन है तेरी राह फिर भी 

प्रयास के कदमों से तू,आगे बढ़ ले.......(१)


चल ज़िन्दगी थोड़ा और चलें

गिले शिकवों से जान छुड़ा लें

दिल की दूरियां तू मिटा ले

ढाई अक्षर प्रेम के पढ़ ले

और उसी से पूरी दुनिया जीत ले.....(२)


चल ज़िन्दगी थोड़ा और चलें

नई सुबह से सादगी ले ले

नई किरन से उम्मीद ले ले

पंछियों से तू, उन जैसी उड़ान ले ले.....(३)


चल ज़िन्दगी थोड़ा और चलें

अटकलों से तू दो हाथ कर ले

डट कर फिर, तू हिम्मत जुटा ले

नई उमंग नई उम्मीद से फिर

जैसे तू आसमान छू ले....(४)



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