रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

होली में

"" होली में ""

                               

    रंग  उड़ाओ,  धूम मचाओ

    रंग  बिरंगी  होली में

    

    नाचो  गाओ मौज  मनाओ

    मस्तानो  की टोली में

    

    मिलजुल कर  होलिका सजाओ

    हल्दी  कुंकुम *रंगोली* से 

    

    मठरी, गुझिया के थाल भी लाओ

    रंगदो अबीर गुलाल *टेसू* के फूलों से

    

    हुडदंग हो जाने दोअब तो

    *हुरियारों* की टोली में

    

    ना कोई गोरा, न ही काला *एकरूप*

    हो जाने दो सबको होली में

    

    ना भंग,ना ही कोई *ठंडाई* बस

    *खुशियों* से नहला दो होली में

    

    छोड़ गिले शिकवे सारे सब

    *बैरभाव* दफना दो होली में

    

    जात पात ,राग द्वेष ,को त्याग

    *अहंकार* मिट जाने दो होली में

    

    *वतन* पर प्रेमभाव सामंजस्य का

    *रंग* चढ़ जाने दो होली में 

    

सौ . रेखा अडसुळे 

जालना ( महा.)

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु