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चले आओ

खबर है कि बहारो में रौनक आई है

चले आओ रंगो ने महफिल सजाई है

सिमटकर आई है रोशनी न जाने क्यों

तुम्हारे आने की खबर किसने सुनाई है

रंगो की दोस्ती तुम्हारे गालो से हुई है 

सुना है होली बचपन लोटाने आई है

बचाकर रखी है रंगो ने रिश्ते कि खुश्बू 

रिश्ते को पनपते देखने बहारे आई है

कहां हो तुम कि यादों ने ली अंगडाई है

फागुन के महीने में ये आँखे भर आई है


















 

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