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अनजान रिश्ता

अनजान रिश्ता
रीता को देखकर मीना आंटी ने पूछा अरे वाह आज इतना सज धज कर कहां गई थी। रीता बोली मायके से आ रही हूं, रक्षाबंधन था न। मीना आंटी सोच में पड गई कि ये तो बता रही थी कि इसके माता पिता की किसी दुर्घटना में मृत्यु हो गई और इसका कोई भी नहीं है। फिर बोल रही है मायके से आ रही हूं। शाम को रीता मीना आंटी के घर गई व बोली आप सोच रही होंगी कि मेरा मायका। दरअसल मेरे पति की पहली पत्नी का मायका है, उन लोगो ने ही शादी में मेरा कन्यादान किया, हमारे बच्चे को संभाला व हर साल मुझे रक्षाबंधन पर बुलाते है। मीना आंटी बोली सच में इस जमाने में ऐसे लोग मिलना मुश्किल है जो दिल से रिश्ते निभाते है।
जयश्री गोविंद बंलापुरकर हरदा

 

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