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मेरा देश

मेरा देश

बचपन मे मैंने कुछ लाइने पड़ी थी जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादापिगरीयसी तब से मुझे अपने देश के प्रति लगाव हुआ। किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति, भाषा, धर्म, परंपरा से होती है। अनेकता मे एकता ही हमारे देश की विशेषता है। एक हमारा भारत देश ही ऐसा है जहां थोड़ी थोड़ी दूरी पर केवल गाँव या शहर ही नहीं बदलते बल्कि वहाँ की भाषा व परंपरा भी बदलती है। हमारे देश मे दो प्रकार के त्योहार मनाए जाते है धार्मिक व राष्ट्रिय त्योहार। धार्मिक त्योहार मतलब दिवाली, होली, ईद, वैसाखी इत्यादि तथा राष्ट्रिय त्योहार मतलब 26 जनवरी और 15 आगस्ट।

हम पंद्रह अगस्त यानि स्वतन्त्रता दिवस मनाने जा रहे है। इस दिन हमारा देश अंग्रेज़ो की गुलामी से स्वतंत्र हुआ था ये सभी जानते है। हम राष्ट्रिय त्योहार मनाते है इस दिन तिरंगा झण्डा फहराते है पर हमे ये भी ध्यान रखना चाहिए की हमारे द्वारा या हमारे अपनों द्वारा किसी भी प्रकार से देश का या हमारे तिरंगे झंडे का अपमान न हो। क्योकि मैंने देखा है की छोटे बच्चे अगले दिन उन झंडो को इधर उधर फेक देते है। कितना अच्छा लगता है यह सुन के की बाहर देशो मे रहने वाले हमारे भारतीय लोगो ने वहाँ हमारा तिरंगा झण्डा फहराया। हमारे देश का नाम पूरी दुनिया मे सर्वोपरि हो तथा देश मे सुख समृद्धि व आरोग्य रहे यही कामना। अभी भी महामारी का प्रकोप पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है अतः सभी ने शासन के नियमो का पालन करते हुए मास्क वेकसीन सेनीटाइजर का प्रयोग करना चाहिए। मैं भी अपना परिसर स्वच्छ रखूंगी और आप भी अपना परिसर स्वच्छ रखे जिससे हमारा देश मे  स्वच्छता रहेगी। अपनी व अपने परिजनो की सुरक्षा करे। जितना हो सके एक दूसरे की मदद करे। सभी ने देश के प्रति अपने कर्तव्यो का पालन करना चाहिए। कुछ लाइने प्रेषित करना चाहुंगी।

हमसे न पूछो की हमारी क्या कहानी है,

हमारी यही पहचान की हम हिंदुस्तानी है।

 

-जयश्री गोविंद बेलापुरकर हरदा

 

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