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आत्महत्या

वह रोना चाहती थी पर उसकी आंखों से अश्क बहार नहीं आ रहे थें। उसकी आंखें दर्द कर रही थी। वह पिछले कुछ घंटों से इतना रो रही थी कि अब उसे यह भी याद नहीं था कि वह क्यों नहीं रुक पा रही थी? 

 

इक्कीस साल की लड़की उसी दिन निराश हो जाये जिस दिन के लिए उसने सालों इंतेज़ार किया हो, तो वह लड़की संभल नहीं पाती। रीमा के साथ भी ऐसा ही हो रहा था। आज वह पवन के साथ भागनेवाली थी , पर ...। 

खैर, उसने अपना मन बना लिया था। 

उसने तिजोरी  से अपनी शादी के लिए ली हुई साड़ी निकाल कर पंखे पर टांगी। मरते वक्त आवाज किसीको न सुनाई दे इस लिए उसने टीवी शुरू किया। 

 

कोई सिरियल आ रही थी। एक लड़का लड़की को प्रपोज कर रहा था।  उसे अपनी डेट याद आ गई। 

 

उस दिन वे एक होटल में खाना खाने बैठे थे। और पवन ने जेब से अंगूठी निकालकर उसे बातों बातों में पहना दी। फिर दिलफेंक आशिक की तरह वह नीचे बैठ कर उसके दिल का मालिक बन बैठा। 

 

उसे याद आया जब उसने पहली बार पापा को उसके बारे में बताया तो वह बहुत गुस्सा हुए थे। पर फिर अपनी बेटी के सर पर हाथ रखकर उन्होंने प्यार से कहा था, 

 

"तेरी मां होती तो वह भी गुस्सा करती पर फिर मुझे समझा ही लेती कि तेरी खुशी से बढ़कर कुछ नहीं। उसे मिलने ले आ।" 

 

वह आज अपने पापा से छुपकर पवन से शादी करने वाली थी। ताकि शाम को उससे मिलने के बाद पापा मना ना कर सके। 

 

पर अब? वह हार चुकी थी।

 

उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करे। उसको अपने आप पर गुस्सा आ रहा था। पवन उससे बहुत प्यार करता था। पर आज ना तो वह फोन उठा रहा था ना ही  उसकी कोई खबर मिल रही थी। उसने कहा था, "हम भागकर शादी कर लेंगे। मैं पैसों का इन्तझाम करके आता हूं। तुम मेरा इंतजार करना।" और वह गायब हो गया था।

 

बात यह थी कि वह अपने आप को माफ नहीं कर पा रही थी। उसे सबकुछ हार चुकी थी। उसके जीवन में कुछ नहीं बचा था। 

'अब वह सारी सहेलियां हंसेगी। पापा भी फिर कभी मुज पर भरोसा नहीं कर पायेंगे। मुझे खुद पर विश्वास नहीं रहेगा। अब मेरे लिए कुछ नहीं बचा है। मेरा मर जाना ही इन सब परेशानी का हल है। और यही सबकी शक भरी नजरों से बचने का उपाय। ' उसने सोचा। 

 

 उसने फंदा और कसा। लोग क्या कहेंगे और वह क्या जवाब देगी यह समझ में नहीं आ रहा था। उसे खुद पर ही है आया और उसने टीवी की आवाज़ और बढ़ाई। एक हवा का झोंका आया और कुछ पल उसे पीछे हटने का भी ख्याल आया। पर... वह मन बना चुकी थी। सबकी बातें सुनना उसे हरगीज मंजूर नहीं था।   

 

तभी टीवी पर न्यूज आई कि एक बाइक रेस में की लोग मारे गए हैं। उसने फंदा अपने गले में डाला। तभी टीवी स्क्रीन पर नाम घोषित हुआ। मरने वालों में शामिल थे पवन जोषी और रीमा हक्की बक्की रह गई।वह सब छोड़कर अपने पवन को आखिरी बार देखने दौड़ पड़ी।

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