संगीत
भाग दौड़ की ज़िंदगी बन गई
तनाव से भरपूर हो गई
सड़कों पे शोर ही शोर
फिर भी है कहीं ये संगीत का मोड़
साँय साँय करती शीतल बयार
मध्यम हवा करती भीनी सरसराहट
बन जाती सुर माध्यम द्वार
पिरोती सुरों को हर बार
संगीत सिर्फ सात सुरों की कड़ी नहीं
जो इसे पिरोए रखती
वो तो होती कोमल स्वर की डोरी
वही तो सकून पंहुचाती
हर मर्ज की दवा हो जाए संगीत
इसका जादू बड़ा निराला
महसूस करने की है बात
इसकी न कोई सरहद न ही कोई भाषा
पानी की हो कलकल या पक्षियों की चहचहाट
वृक्षों के झूमने की आहाट
हर आहट में संगीत भरा
खुशी पर ज़ोश भरा दु:ख में तानपुरा रुलाता
संगीत भी क्या क्या रूप दिखाता
लहरों की उथल पुथल में भरा
आंधी - तूफानों में भयानक स्वर गुंजा
तड़ित की घडगड़ाहट
इनका अनुपम संगीत विचित्र स्वर
इन्हीं से मिलता स्वर संगीत
भाग दौड़ की ज़िंदगी
तनाव दूर करता संगीत..........
अज्ञात.6 :11:14