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उत्तरायण का त्यौहार

मकर संक्रांति,
जानें मकर संक्रांति पावन पर्व का महत्व

उत्तर भारत में मकर संक्रांति तो पंजाब में लोहड़ी, दक्षिण में बिहू और पोंगल पर्व को उत्सव के रूप में मनाना और सभी जनों के लिए सुख शांति की कामना करना इस पर्व का मुख्य उद्देश्य है।
सनातन हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बड़ा महत्व है. इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी.
इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जिसका अर्थ है कि सूर्य सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ता है. मकर संक्रांति से मौसम परिवर्तन की शुरुआत होने लगती है. माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान करना, तिल गुड़ का उपयोग, सेवन करना, शुभ होता है।

मकर संक्रांति का पावन पर्व इस बार 15 जनवरी 2023, दिन रविवार को मनाया जाएगा. यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है. मकर संक्रांति के  दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. इस दिन मकर राशि में सूर्य प्रवेश कर जाते हैं और इसलिए ही इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है.


बहुत सी जगहों पर इसे खिचड़ी का त्यौहार और उत्तरायण भी कहते हैं. मकर संक्रांति पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं का मेला विभिन्न नदियों के घाटों पर लगता है. इस शुभ दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, का दान एवं सेवन किया जाता है। कहीं कहीं इसके साथ में नमक, घी, हरी सब्जियां जैसे मूली गाजर मटर का भी दान करते हैं.
बच्चे और बड़े आसमान में रंगबिरंगी पतंगें उड़ा कर अपनी खुशी का इजहार करते हैं और अपनी मन की खुशी को आसमान में लहराते हुए देखते हैं।
इस दिन के इंतजार में लोग अपने हल्के फुल्के बोरिया बिस्तर /लगेज लेकर पवित्र नदियों, तीर्थ स्थानों पर जा पहुंचते हैं और स्नान ध्यान, सत्संग रमाते हैं।

पर्व एवं शुभ मुहूर्त

उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. मकर मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 43 मिनट पर होगी.
मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा वहीं, महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. 
मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल और महापुण्य काल में स्नान और दान करना चाहिए।
इस पर्व पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।
शोभा शर्मा✍️14/01/23

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