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ठहर जाते

तुम गुलाबसी जिंदगी बनकर आये थे पास मेरे,
जिंदगी मे खुशबु फैलती तब तक तो ठहर जाते।

तेरी मेरी साँसों की गर्माहट से था जिंदगी का सफर,
मेरी साँसोकी गर्माहट ठंडी होती तब तक तो ठहर जाते।

ख्याल था मुझे, तेरी हर मुस्कान के मुस्कराने का,
जब तक में मुस्कराता तब तक तो ठहर जाते।

माना की मुझे नही था तुझसे कोई गिला - शिकवा,
मेरी शिकायत बया करते तब तक तो ठहर जाते।

मेरा तेरा सफर जिंदगी के मका तक का रास्ता था,
साथ तुम मेरे मका बनने तक तो ठहर जाते।

भरत (राज)





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