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चिया सीड्स

·       प्यारे पाठकों,

नमस्ते!

मैं हरि मोदी अहमदाबाद, गुजरात से। मैं पेशे से आर्थराइटिस रिवर्सल, पेन मेनेजमेंट और वेइट मेनेजमेंट कन्सल्टन्ट हूँ। मैं शोपिझेन पर गुजराती में हेल्थ के बारे में ज्यादा लिखता हूँ पर पाठकों की मांग पर मैंने हिन्दी में लिखना शुरू किया है। हालाकि मेरी हिंदी ज्यादा अच्छी नहीं है इसलिए आप सबसे नम्र बिनती है की भाषा की गलतियाँ ना निकाले और कंटेंट पर ध्यान दें तो आपको मेरी बात अच्छे से समझमें आएगी।

आपका ज्यादा समय ना लेते हुए सीधे काम की बात पर आता हूँ।

आज का मेरा टोपिक है चिया सीड्स।

आइये, जानते है चिया सीड्स क्या है? उसके कितने प्रकार है, कौनसे चिया सीड्स आपको खरीदने चाहिए , कैसे उसका सेवन करना चाहिए, किस प्रकार से किस किस चीज के साथ उसको ले सकते है, उसे लेने का नियम क्या है ताकि आपको ज्यादा फायदा हो सके और क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

यूट्यूब पर चिया सीड्स के बारेमें आपको काफी सारे विडियो मिल जायेंगे। उसमें कितने सहीं और कितने गलत है वह तय कर पाना मुश्किल होता है। मेरे काफी सारे पेशंट को मेरे बताये हुए तरीके से चिया सीड्स लेना शुरु करने के बाद अच्छे रिज़ल्ट मिले है। यही तरीका मैं आपसे साझा कर रहा हूँ।

· जब आप दूध और उसकी बनावट हम खाना बंद कर सेते है तो यह सवाल आता है कि हमें केल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और जरूरी पोषक तत्व कहां से मिलेंगे? तो यह सवाल का जवाब है चिया सीड।

चिया सीड प्रकृति का अद्भुत भोजन है, कई पोषक तत्वों से भरपूर है चिया को सुबह नाश्ते से पहले एक गिलास पानी में पीयें। उन्हें चिया जेल बनाने के लिए भिगोएँ और मक्खन की जगह इसका इस्तेमाल करें।

बाज़ार में चिया सीड जैसे ही दिखने वाले तक़रीबन पंद्रह प्रकार के जैसे कि, बेसिल सीड, सब्जा, बपची, तुकमा, इत्यादि सीड्स मिलते है। इसलिए जब चिया सीड्स खरीदते वक्त सावधानी बरतें वरना लेने के देने पड़ जायेंगे। पेट में जाकर गौंद के जैसे चिपक जाएगा और समस्या हो जायेगी।

तुलसी के बीज (Basil Seeds) काले, छोटे और गोल होते हैं. जबकि चिया बीज (Chia Seeds) आकार में थोड़ा बड़ा, अधिक अंडाकार होता है, और ग्रे, भूरा, सफेद और काले सहित कई रंगों में आता है।

चिया सीड्स भारतीय मूल के नहीं हैं। यह विदेशी बीज होते हैं जबकि देसी चिया सीड्स यानी  बेसिल सीड्स को तुलसी के बीज भी कहा जाता है। यह दोनों ही स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं।

चिया सीड दो प्रकार के आते है... 

भारतीय और इम्पोर्टेड। 

दोनों की कीमत में काफी अंतर है। आपको को सेट हो वह आप खरीद सकते है। इम्पोर्टेड चिया सीड्स ज्यादा लाभ दायक है। वह रियल चिया सीड्स है। देसी चिया सीड्स इम्पोर्टेड चिया सीड्स के बराबर नहीं है पर करीबी है। देसी चिया सीड्स इम्पोर्टेड चिया सीड्स से आधे दाम में मिलता है। जाने माने स्टोर से जाँच परख कर चिया सीड ही खरीदें।

 सब्जा, फालूदा सीड या बेसिल सीड को चिया सीड के विकल्प में लिया जा सकता है बशर्ते वह एकदम साफ़ होने चाहिए। 

जो भारतीय चिया सीड होते है बह भीगने में दस मिनिट लेते है जब कि इम्पोर्टेड चिया सीड भीगने में चार से आठ घंटा लेते है इस लिए रात को पानी में भिगो लेना अच्छा है। चिया सीड पानी सोख कर अपने साइज से 27 गुना ज्यादा फूल जाता है।

 चिया सीड के गुण:

पालक से 3 गुना ज्यादा आयरन

दूध से 5 गुना ज्यादा कैल्शियम

संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी

ब्रोकली से 15 गुना अधिक मैग्नीशियम

शाकाहारी 

फाइबर का अच्छा स्रोत 

एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर 

वजन घटाने (भोजन के लिए लालसा में कटौती) 

रक्त शर्करा को संतुलित करता है 

ग्लूटेन मुक्त

ओमेगा-3 से भरपूरaaa

प्रोटीन से भरपूर

एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर

स्थायी ऊर्जा देता है

बुढ़ापा रोधी (स्वस्थ त्वचा, बाल और नाखून)

पकाते समय चिया जेल मक्खन और अंडे की जगह ले सकता है

मितव्ययी भोजन - वे किफ़ायती हैं

इसमें कोई स्वाद नहीं है, लेकिन इसमें जो जोड़ा गया है उसका स्वाद बढ़ाएं।

 प्रयोग:

रात को एक लीटर पानी की बोतल में एक चम्मच चिया सिड डाल दें और उसे फ्रीज़ में रख दें।

सुबह चिया सीड फूल जायेंगे। जब भी आपको पानी पीना हो तब बोतल को हिलाकर पानी पी लें। बोतल में जितना पानी कम हुआ है उतना पीने का पानी डालकर बोतल भर दें। जब भी आपको पानी पीना है तब यह चिया सीड वाला पानी ही पीयें। 

दोपहर तीन बजे के बाद बोतल में पानी भरना बंद करें और शाम के पांच बजे तक बोतल में बचा हुआ पानी पीकर ख़तम कर लें।

चिया सीड के पानी में आप निम्बू डालकर भी पी सकते है पर उसमें नमक और चीनी नहीं मिलाना है। 

आप ज्यूस, फल, स्मूथी, बनाना शेक, आइसक्रीम या कोई भी वानगी के ऊपर गार्निशिंग करने के लिए भी चिया सीड्स का इस्तेमाल कर सकते है। चिया सीड को 1:9 भाग में (1 भाग चिया सीड और 9 भाग पानी) कमसे कम 20 मिनिट भिगोकर रखना है। या चिया सीड को भिगोकर  रातभर फ्रीज़ में रख दें।  सुबह उसे छन्नी से छान लें और बचा हुआ पानी फेंक दें। तीन बार साफ़ पानी से चिया सीड्स को धो कर फिर फ्रूट या किसी वानगी में मिलाएं।

सावधानी:

 चिया सीड को चबाकर उसके ऊपर पानी ना पीयें। यदि आप उसको चबाओगे और उपर से पानी पिओगे तो पेट में जाकर फूल जायेगी और भयंकर खतरा पैदा हो जाएगा। गैस हो जायेगी।  चिया सीड को चबाना नहीं है बल्कि उसको निगल जाना है। 

चिया सीड्स कभी भी कच्चा ना खाएं उसे भिगाकर पानी में या तरल पदार्थ के साथ ही  लें

जो लोग पानी कम पीते है उनके लिए हो सकता है कि, चिया सीड्स लेने की वजह से कोंस्टिपेशन हो जाय या हार्ड स्टूल की समस्या आयें तो आप चिया सीड की मात्रा कम कर  दें।

 

मस्त रहिये, तंदुरुस्त रहिये!

-        हरि मोदी

95863 10689

 

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