करुण रेल हादसा,ऐक मानवीय भूल
*करुण रेल हादसा: एक मानवीय भूल*
(प्रार्थना दिवंगत आत्माओं के लिए)
टकराई रेल अचानक गुंजीं चीखें उड़ीसा राज्य में,
सोहम गया देश सारा,
सबसे भयानक हुआ हादसा दिल दहलाने वाला।
*उड़ते दिखे मानव चीखते हवा में,*
*गिरती देखीं लाशें अगणित धरा पर,*
*करुणता से छलकने लगा माहौल,*
*रुदन लोगों का कलेजा चीरता दिखा।*
कुदरत का प्रकोप देखकर लाचार देखा इंसान,
माननीय आविष्कार और मानव की भूल से हुआ हादसा करुण।
*भयानक धमाका सुनकर भागे लोग,*
*देखा मौत का तांडव यह सारा,*
*मानवता प्रकटी हृदय में लोगों के,*
*बचाव में लग गए सारे लोग,*
मानवता प्रगटी देखकर करुण दृश्य सारा,
चारों तरफ दिखे तड़पते लोग, और लाशें लोगों की।
*प्रभु दीजिए मोक्ष मृत आत्माओं को,*
*मिले सांत्वना अपनों को खोने वालों को।*
*दर्द से भर गया है हृदय सारा,*
*कभी ना हो ऐसा हादसा दोबारा*
चल रहा है अस्पताल में इलाज घायलों का,
स्वस्थ हो घायल जल्द प्रार्थना करता यह जग सारा।
सह महादेश सारा,
सबसे भयानक हुआ यह हादसा दिल दहलाने वाला।