रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा

************

    अंतर्मन के भावों का आइना है "कुछ भीगे अल्फाजों में"    - ज्वाला गिरी


शिखा गोस्वामी' निहारिका'  द्वारा लिखित प्रथम काव्य संग्रह "कुछ भीगे अल्फाज़ो में" पढ़ने को मिला। शॉपीजन द्वारा प्रकाशित बहुत बेहतरीन काव्य संग्रह है जिसका ISBN नम्बर  978-93-5600-558-7  है। शॉपीजन भारतीय कम्पनी है जो देश के स्थापित लेखक और नवोदित दोनों प्रकार के रचनाओं के साहित्य को प्रकाशित और प्रसारित करने का कार्य करती है।शिखा गोस्वामी द्वारा लिखित काव्य संग्रह की बहुत दिनों से मुझे प्रतीक्षा थी, मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि "कुछ भीगे अल्फाज़ो में" काव्य संग्रह का प्रथम पाठक हूँ। समय निकालकर मैंने पूरा काव्य संग्रह दो बार पढ़ डाला।

         शिखा गोस्वामी  छ्त्तीसगढ़ की नवोदित रचनाकार है। उनकी लेखनी में जादू है, जिसकी वजह से हर विषयों पर पकड़ है। शिखा गोस्वामी को बहुत कम समय में इतनी सारी साहित्यिक संस्थाओं से सम्मान मिला है जिसे जानकर आश्चर्य होता है किन्तु सत्य है। विपरीत परिस्थिति में भी इतनी सारी उपलब्धि हासिल करना गर्व की बात है।

                         

                                       काव्य संग्रह की शुरुआत "पीड़ा अजन्मे शिशु की" से प्रारंभ होकर "तुलसी विवाह" कथा  से समाप्त होती है। हर सामाजिक और पारिवारिक विषयों के साथ-साथ पर्यावरण, देशप्रेम, माता-पिता का प्यार, भरोसा है तो रिश्ता है जैसे विषयों पर लिखी बहुत बेहतरीन और उच्चकोटि की रचना है जो मुझे अच्छी लगी।  अपने निजी जीवन पर आधारित "मैं कमजोर नहीँ हूँ" कविता से पाठकों को संघर्ष  करने की प्रेरणा मिलती है। नारी प्रधानता पर लिखित रचना "हाँ, मैं एक नारी हूँ" बहुत बेहतरीन रचना है जिसे पढ़कर नारी के अंदर का स्वाभिमान जाग जाता है। काव्य संग्रह में और भी अच्छी-अच्छी रचना है जो मन को प्रभावित करती है साथ ही समाज में व्याप्त विसंगतियों की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित करती है।

    बचपन में शिखा के परिवार से जुड़े होने के कारण उनकी दादी का असीम प्यार मुझे भी मिला इसलिए दादी माँ पर लिखित रचना "श्रद्धांजलि दादी माँ"  को पढ़कर पुराने दिनों की बात याद आ गई और आँखे भर आई। इस काव्य संग्रह की बहुत अच्छी बात मुझे यह लगी कि किसी भी रचना में किसी की  भावना को ठेस पहुंचाए बिना कवयित्री ने बहुत बेबाकी के साथ अपनी  कल्पना को मूर्त रुप देने का प्रयास  किया। नवोदित रचनाकार होने के कारण अनुभव की कमी किसी किसी रचना में नजर आयी है। कुल मिलाकर छोटी मोटी बातों को नजरअंदाज करते हुए पढ़ा जाये तो इस काव्य संग्रह में समाहित रचनाएं ज्ञानवर्धक, रोचक एवं मनोरंजक है जिसकी वजह से हर वर्ग इसे पढ़ना पसन्द करेगा।

          शिखा गोस्वामी की प्रथम काव्य संग्रह "कुछ भीगे अल्फाज़ो में"  को अगर नम्बर देने को मुझे कोई कहेगा तो मैं  10  में  9  नम्बर दूँगा।

                              

               उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ।।

                 श्री ज्वाला गिरी गोस्वामी (शिक्षक)

                    राजनांदगांव

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु