एक किस्सा हेलमेट का
एक किस्सा 'हेलमेट' का
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मौका सभी को मिलता है । अपने आप को जिम्मेदार नागरिक कहलाने का ।
सोचते तो हम भी कुछ ऐसा ही हैं । कि हम भी बड़े जिम्मेदार हैं। दूसरों को ज्ञान देते समय हमें यह एहसास भी नहीं होता की ,कभी अगर नौबत हमारे ऊपर आ जाए तो क्या हम जिम्मेदारी निभाएंगे? नियमों का पालन करेंगे? या हम भी उससे बचने के मौके ढूंढने लग जाएंगे।
जब हम किसी और को जिम्मेदारी की सीख दे रहे होते हैं या ज्ञान बांट रहे होते हैं। तब कितना आसान लगता है।
मौका था अपने किसी दोस्त की शादी में सम्मिलित होने का तो हमने सोचा शादी तो शाम की है दिन में थोड़ा सा इधर-उधर घूम कर इस नए शहर का आनंद लिया जाए। आसपास की कुछ जगहों को घूम लिया जाए क्योंकि कई बार आपका आना किसी वजह का ही मोहताज रहता है।
तो हमने अपने दोस्त से घूमने के लिए सलाह मांगी । उन्होंने आसपास की कुछ अच्छी जगह घूमने के लिए हमें बताई, साथ ही अपनी बाइक भी दे दी ताकि समय बच जाए।
शहर का नजारा लेने के लिए बस कुछ दूर निकले ही थे। तो पता चला बाइक में पेट्रोल कुछ कम है।
देखते ही पहले तो इस बात पर अपने ही दोस्त पर गुस्सा आया ।कि अगर किसी को बाइक दे रहे हो तो कम से कम इतना तो बता दो कि पेट्रोल है या नहीं है।
चलो कोई नहीं ,,,कुछ दूरी पर ही पेट्रोल पंप था। तो राहत की सांस ली और पेट्रोल भरवाने के लिए चले गए ।
वैसे तो हम बड़े जिम्मेदार हैं बिना हेलमेट के कभी बाइक चलाते नहीं है ।
परंतु यह शहर भी हमारा नहीं था। और बाइक भी हमारी नहीं थी। और हमारे प्रिय दोस्त ने हमें हेलमेट भी नहीं दी
थी ।
सामने बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया था कि बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं दिया जाएगा । पढ़ते ही मन में भनभनाने लगे हम और हमारे वो।
वहां हम लाइन में लग तो चुके थे ।फिर सोचा किस्मत आजमा ले पर पेट्रोल पंप वाले नियम के बड़े पक्के थे। बिना हेलमेट के वह किसी को भी पेट्रोल नहीं दे रहे थे हमारा नंबर भी आया हमने भी उनसे रिक्वेस्ट की पेट्रोल दे दें ।
परंतु उन्होंने मना कर दिया बिना हेलमेट के पेट्रोल देना यहां मना है ।
हमारा मुंह उतर गया। हमने सोचा कि अब क्या करें? कैसे जाएंगे ?हमने उन्हें अपनी परेशानी बताई तो पीछे वाले एक व्यक्ति के पास जो लाइन में हमारे पीछे लगा हुआ था उसकी गाड़ी के बाजू से हेलमेट लटका हुआ था तो पेट्रोल पंप वाले भाई साहब ने हमें कहा आप इनसे हेलमेट उधार लेकर अपनी बाइक पर रख लीजिए हम आपको पेट्रोल दे देंगे।
पहले तो बड़ा आश्चर्य हुआ? कि यह कैसा नियम पालन हुआ भला ?
बात तो वही है हमारे पास हेलमेट नहीं है, पर क्योंकि यहां पर नियम को तोड़ा -मरोड़ा हमारी सुविधा के लिए जा रहा था। इसलिए हमने चुपचाप नियम को तोड़ना ही मुनासिब समझा ।
पीछे वाले भाई साहब भी दिल के बड़े अच्छे थे उन्होंने हमें अपना हेलमेट खुशी दे दिया। हम पेट्रोल भरवा के आगे की तरफ बढ़े ,तो पता चला वही हेलमेट उन्होंने भी अपने पीछे वाले भाई साहब से लिया था ।फिर हम रुके रहे तो पता चला वह हेलमेट ,उन्होंने अपने पीछे वाले भाई साहब से लिया था। इस तरह से हमें ज्ञात हुआ कि एक हेलमेट ने चार लोगों की गाड़ी में पेट्रोल भरवाने का काम किया है ।
ना यहां पर किसी ने नियम तोड़ा सभी ने अपनी गाड़ी पर बाकायदा हेलमेट लगाकर पेट्रोल भरवाया और हेलमेट जिसका था उसे वापस कर दिया ।इसमें पेट्रोल पंप वाले भी खुश थे कि उन्होंने नियम का पालन किया।
बिना हेलमेट के पेट्रोल किसी को नहीं दिया ।भरवाने वाले भी खुश थे कि उन्होंने भी कोई नियम नहीं तोड़ा उन्होंने भी हेलमेट पहनकर ही पेट्रोल लिया यह देखकर हमारी हंसी छूट रही थी।
आगे बोर्ड पर एक नियम और बड़े -बड़े अक्षरों लिखा था। बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने वाले पर डेढ़ हजार का जुर्माना।
यह नियम पढ़कर हमने तुरंत गाड़ी वापस अपने दोस्त के घर घुमा दी और हमने बिना हेलमेट के घूमने का प्रोग्राम कैंसिल कर दिया । पूरे रास्ते हम हंसते हुए ही आए।
खैर यह नया शहर तो हम नहीं घूम पाऐ।
आखिर हम जिम्मेदार नागरिक जो है एक नियम तोड़कर ही हमारा मन खुशियों से भर चुका था ।इसलिए हमने अब दूसरे नियम को तोड़ना उचित नहीं समझा।
पढ़ने के लिए धन्यवाद।
कृपया नियमों का पालन सदैव करें।
आपकी अपनी यात्री
दीपू लेंधे
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