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यथावत

मैं एक सूर्यास्त देख रहा हूं

अपने ही कमरे के अंदर

वह तस्वीर अब भी वहीं है

जहां तुम उसे छोड़ गई थीं

 

अब भी टहलने जाता हूं मैं

अपने दिल के वीराने में

वे राहें अब भी वहीं हैं

जहां तुम उन्हें छोड़ गई थीं

 

मैं अब भी तुम्हें याद करता हूं

जब कभी अकेलापन लगे

वे यादें अब भी वहीं हैं

जहां तुम उन्हें छोड़ गई थीं

 

क्या करती होंगी तुम वहां

अपनी उस नई दुनिया में

मेरे ज़ख्म तो अब भी वहीं हैं

जहां तुम उन्हें छोड़ गई थीं

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