परिक्रमा के पथ पर
परिक्रमा के पथ पर.....
कल-कल जल
शांत नितल निर्मल
स्वच्छंद शुभ्र निर्झर
परिक्रमा के पथ पर.....
चौड़े-संकरे घाट
माँ रेवा का पाट
है इतिहास मुखर
परिक्रमा के पथ पर.....
मार्ग दुष्कर, दुर्गम
दृढ़ संकल्प, संयम
मन में "नर्मदे हर"
परिक्रमा के पथ पर.....
साधू संत योगी
घोर तपस्वी त्यागी
पूर्ण ज्ञान की गागर
परिक्रमा के पथ पर.....
आशा उत्साह उमंग,
भजन कीर्तन सत्संग
आस्था झोली भर भर
परिक्रमा के पथ पर.....
गंतव्य की तलाश,
स्वागत करते पलाश
ले आशीष निरंतर,
परिक्रमा के पथ पर....
दर्शनों की आस,
मैय्या पर विश्वास
हर कंकर शंकर,
परिक्रमा के पथ पर.....
शुद्ध तृप्त अंतर्मन,
कृतार्थ मानव जीवन
अक्षय स्मृतियाँ सुंदर,
परिक्रमा के पथ पर.....
©ऋचा दीपक कर्पे