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ऐ जिंदगी थोड़ा और चले

ऐ जिंदगी थोड़ा और चले


तेरी ही दौड़ से इजात पा कर

प्रभात किरणों से ऊर्जा ले कर

चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान ला कर

दिल में हौसले और उमंग भर कर

फिर नई उड़ान भर चले 

ऐ जिंदगी थोड़ा और चले..........(१)


ऐ जिंदगी थोड़ा और चले


मीठे चाय की चुस्कियों से 

ख़ुद में मिठास भर कर

सुकुन भरी सांसों का गुब्बारा बन कर

फिक्र को हवा मे उड़ाते चले

ऐ जिंदगी थोड़ा और चले..........(२)


ऐ जिंदगी थोड़ा और चले


अपने पंखों से उड़ान भर कर

नए क्षितिज की राह चल कर

नए आसमान की खोज करने चले 

ऐ जिंदगी थोड़ा और चले..........(३)


ऐ जिंदगी थोड़ा और चले


क्या रखा है इन पुरानी यादों में

बिता अतीत नज़र आता इनकी परछाई में

इस परछाई से पीछा छुड़ाकर

नई नीतियों को आखने चल चले 

ऐ जिंदगी थोड़ा और चले..........(४)


ऐ जिंदगी थोड़ा और चले


प्यार महोब्बत से पेश आकर

लोगों की दुनिया में आनंद ले आए 

क्या रखा है इस कलह और मनमुटाव में

साथ अपनों का प्यार ले कर

जिवन की आनंद यात्रा सफल कर चले

ऐ जिंदगी थोड़ा और चले..........(५)







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