रचना के विवरण हेतु पुनः पीछे जाएँ रिपोर्ट टिप्पणी/समीक्षा

परिंदे की दोस्ती

जब खुदगर्ज ईन्सान हो जाता है,

तब सबकुछ बीचड जाता है,

जब सच्चा प्यार करना शीरव जाता है,

तब परिंदे भी दोस्त बन जाता है ॥

*****Zkv

टिप्पणी/समीक्षा


आपकी रेटिंग

blank-star-rating

लेफ़्ट मेन्यु