नम आँखे - तृप्ति दिव्या भूतड़ा
माँ आपकी याद में आज आँखे नम है
साथ सबका सब कुछ तो क्यों गम है
जानती समय नहीं रहता सदैव सम है
फिर भी न जाने क्यों माँ आपकी याद में आज आँखे मेरी नम है........
सब मेरे हैं पाला मैंने यह भ्रम है
कहते सब मत कर चिंता हम है
सबके रहते भी तो तू कम है
फिर भी न जाने क्यों माँ आपकी याद में आज आँखे मेरी नम हैं......
जानती हूं संभाल लेगी तू मुझे
एक तुझमे ही तो वो दम है
मेरी माँ मेरी आराध्य जानती हूँ
आप ही तो मेरी जननी परम है
फिर भी न जाने क्यों माँ आपकी याद में
आज आँखे मेरी नम हैं..........