दोस्ती भी सीढियाँ चढ़ती है ---
बारिश मे
चाय की
चुस्की के साथ
पकौड़ो का
आनंद लीजिए
चौके की खुशबू का
बरामदे मे
आनंद लीजिए
सिल बट्टे की संगत ले
चटनी के
चटकारे लीजिए
बारिश की रिमझिम मे
पकौड़ो के
छन्न का
आनंद लीजिए
दोस्तो के साथ
बीते दिनो की
टपरे के
चाय पकौड़ी का
यादो मे
आनंद लीजिए
बारिश की
बूंदो मे- वन्दिता
कला जब छातों पर भी अपना कैनवास खोज ले तो पहचान जाइए ये अंजू ही होगी