पी. टी. उषा
जिसने अपने अभिभावकों का नाम किया पावक;
दर्ज करके खेल कूद में तुंगश्रुंग भांती मानक।
जिसने खेल की दुनिया में सुनाई शेरनी सी डनक;
जीत कर के बहुत पदक,चाहे स्वर्ण हो या रजत ।
जिसके पाई हैं पद्मश्री पुरस्कार की चमक;
करके हमारे देश का नाम रोशन हर फलक ।
जिसको जग में सब मानते हैं बेहतरीन धावक;
उस पी॰ टी॰ उषा को हमारा प्रणाम है शत शत।