रंग तो वे फूलों से लेती है .गुलशन का सबसे खुबसूरत नया रंग
नन्ही सी जान प्यारी सी मुस्कान यही तो है उनकी कला का निखार
एक पारिवारिक कर्तव्य से बंधी स्त्री जिसके कई रूप है लेकिन सबसे आकर्षक रूप तब दिखता है जब मूल से ज्यादा ब्याज प्यारा हो जाता है .
ये नया रंग कलाकार के रंगों को और चटक बना रहा है ,खुशियों के घोल में जब रंग मिलते है तो एक सर्वथा नयी रचना होती है ,इश्वर में आस्था की जिनकी यह आस्था भी कलात्मक होकर निखरती है
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