माया के पीछे भागती दुनिया का "हम शेयर मार्केट का काम करें ?" प्रमुख प्रश्न बन चुका है हर कोई एक रात में लखपति अगली रात में करोड़पति बनना चाहता है।
लेकिन किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए व्यक्ति को उस क्षेत्र की बारीकी समझनी पड़ती है ठोकरें खानी पड़ती हैं अच्छे-बुरे तजुर्बों के बाद कई वर्षों के परिश्रम के बाद व्यक्ति महारथी बनता है उसके बाद भी उसका संघर्ष जारी रहता है हर दिन नई चुनौतियां उसके सामने आकर खड़ी हो जाती हैं।
देश, काल, परिस्थिति संबंधी मेरे एक लेख में जब शेयर मार्केट और वारेन बफेट का जिक्र आया था तो मैंने उसमें लिखा था की वारेन बफेट के पिता बड़े अधिकारी या मंत्री थे, इस एक चीज से कई चीजें आसान हो जाती हैं मैं ये नहीं कह रहा था उन्होंने मेहनत नहीं की होगी बिल्कुल की होगी हद से ज्यादा की होगी लेकिन देश, काल, परिस्थिति भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इसी तरह जब मैं इस लेख के लिए शोध कर रहा था तो मैंने कुछ समय पहले ही दिवंगत हुए भारत के वारेन बफेट कहलाने वाले राकेश झुनझुनवाला जी के प्रारंभिक जीवन के बारे में अध्ययन किया, मुझे मालूम चला उनके पिता आयकर अधिकारी थे उनके बड़े भाई चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं उनकी धर्मपत्नी रेखा झुनझुनवाला भी स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर हैं स्वयं भी राकेश झुनझुनवाला जी चार्टर्ड अकाउंटेंट थे, उनकी शिक्षा मुम्बई जैसे महानगर में हुई थी जिसे देश की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है।
दशकों से पति-पत्नी इसी क्षेत्र में साथ काम कर रहे हैं और उनके बीच तालमेल का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की उनकी कंपनी जिसका नाम RARE इंटरप्राइजेज है, जिसके पहले दो वर्ल्ड राकेश नाम RA से हैं और अंतिम दो वर्ड रेखा RE नाम से हैं।
इसी तरह अगर हम हर्षद मेहता जी के बारे में अध्ययन करें तो प्राप्त जानकारी के अनुसार हमें पता चलता है कि उनका जन्म एक बिजनेस मैन परिवार में हुआ। उनका बचपन भी मुंबई में गुजरा उन्होंने मुबंई के लाजपत राय कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई की, पहली नौकरी न्यू इंडिया अश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में बतौर सेल्स पर्सन की इसके बाद नौकरी छोड़ हरिजीवनदास नेमीदास सिक्योरिटीज नाम की ब्रोक्रेज फर्म में बतौर जॉबर नौकरी ज्वॉइन कर ली और प्रसन्न परिजीवनदास को अपना गुरु मान लिया। प्रसन्न परिजीवनदास के साथ काम करते हुए हर्षद मेहता ने स्टॉक मार्केट के हर पैंतरे सीखे औऱ 1984 में खुद की ग्रो मोर रीसर्स एंड असेट मैनेजमेंट नाम की कंपनी की शुरुआत की और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में बतौर ब्रोकर मेंबरशिप ली।
ऊपर लिखी सारी बातें किसी भी क्षेत्र में सफलता का दार्शनिक पहलू समझने के लिय थी की कोई भी व्यक्ति बिना योग्यता, बिना मेहनत, बिना अनुकूल परिस्थिति के सफल नहीं होता।
हमें समझना चाहिए की बीज कितना भी अच्छा हो अगर सही मौसम में, सही जगह पर और सही तरीके से उसको नहीं रोपा जाएगा तो वो अंकुरित नहीं होगा।
अब इसके ज्योतिष पहलू पर आते हैं तो जितनी मुझे ज्योतिष की समझ है उसके आधार पर मैं कह सकता हूं, शेयर मार्केट का काम करने के लिए चंद्रमा का अच्छी स्थिति में होना जरूरी है क्योंकि शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव की स्थिति में सम रहना बहुत जरूरी है, मंगल की स्थिति अच्छी होनी जरूरी है क्योंकि मंगल अपने निर्णय में टिके रहने का साहस देता है, गुरु की स्थिति का भी अच्छा होना जरूरी है क्योंकि गुरु किताबी ज्ञान से हटकर सामाजिक ज्ञान देता है जिससे शेयर के गिरने उठने का अनुमान लगाया जा सकता है, अंत में राहु की स्थिति भी अच्छी हो तो सोने पर सुहागा क्योंकि अलग-अलग सेक्टर में पैसा इन्वेस्ट करने के लिए भी हर सेक्टर के बारे में थोड़ा बहुत पता होना चाहिए और ज्योतिष में मल्टीटास्कर राहु से बेहतर शायद ही कोई बनाता हो।
वैसे तो मैं इंटरनेट पर प्राप्त सेलिब्रिटी की कुंडली पर यकीन नही करता क्योंकी वो कितनी सही हैं इस पर कोई कुछ नहीं कह सकता, फिर भी इंटरनेट पर राकेश झुनझुनवाला जी की कुंडली देखने पर पता चला उसमें मंगल और गुरु दोनों स्वग्रही थे उनकी नवमांश कुंडली प्राप्त नहीं हो पाई, ठीक इसी तरह हर्षद मेहता जी की कुंडली देखने पर पता चला उनका चंद्रमा जन्मकुंडली और नवमांश में स्वग्रही था यानी वो वर्गोत्तम भी हो गया, गुरु भले ही शत्रु राशि में थे लेकिन थे केतु के साथ वो भी दशम भाव में, मंगल भी चतुर्थ भाव में थे जो की बलवान ही माने जाते हैं और नवमांश में मंगल स्वग्रही थे।
मुझे विश्वास है इस लेख को पढ़कर "हम शेयर मार्केट का काम करें ?" आपको हल्का नहीं गंभीर सवाल लगने लगेगा।