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अनमोल बंधन

अनमोल है ये बंधन
अनमोल है ये रिश्ता
माता-पिता से जुड़ा
बचपन का ये नाता।।

साल भर में आता
प्यारा सा ये त्यौहार
बहना बड़े प्यार से
करती इस दिन का इंतजार।।
है ये अटूट बंधन ।।


बहना कई दिनों से करती
इस शुभ दिन की तैयारी
सुंदर सुंदर राखियाँ लाती
खरीदती मिठाई स्वादिष्ट वाली।।
जीवन का है सुंदर बंधन।।


थाली में रोली चंदन धूप दीप
अक्षत राखी मिठाई सजाती
भाई के माथे तिलक लगाती
दांई कलाई में राखी बांधती।।
तोडे़ से न टूटे ये है वो बंधन।।


शुभाशीष देती उसको
जुग जुग जीये मेरा भाई
भैया भाभी की जोड़ी बनी रहे
हर साल खुशी से त्यौहार मनाये।।
बचपन का ये प्यारा बंधन।।


दूर दराज से जब आती बहना
खुशियों का पिटारा संग लाती बहना
आते ही घर में रौनक हो जाती
बचपन की सारी यादें ताजा हो जाती।।
अनमोल है ये बंधन।।

बच्चे बच्चों से मिलते
बड़े बडों से मिलते
भाई सुंदर सा तौफा
बहना को प्यार से देता।।
रक्षा के धागे से बना रक्षाबंधन।।

अनमोल है ये बंधन
अनमोल है ये रिश्ता
माता-पिता से जुड़ा
बचपन का ये नाता।।

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