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हमारा प्यार

 

तुम मुझ से कितना प्यार करती हो?
-अपने से भी ज्यादा
-.......................
-क्या हो गया ....., उदास क्यों हो गये?
-क्या तुम मुझ से शादी करो गी ?
-जरूर करू गी
-सच्ची......?
-हां क्या तुम्हे शक है ?
- आज मै बहुत खुश हूँ.....
_ क्या पहले खुश नहीं थे...-
- नहीं...., परन्तु अब बहुत खुश हूँ
- अच्छा....!
-फिर पक्का रहा... कल शाम को ही हम शादी कर लेगें
तुम बस मन्दिर पहुँच जाना | बाकी सब प्रबंध मै कर लूगां
-यह क्या कह रहे हो?
_सच कह रहा हूँ
-शादी ऐसे थोड़ा होगी
- फिर कैसे होगी...?
मेरे घर वाले तुम्हारे घर वालो से मिले गे या तुम्हारे घर वाले मेरे घर वालों से | आपसी सहमति से सब अच्छा हो जाये .... गा.. |
-................... |
- तुम फिर चुप हो गये..?
- फिर शादी नहीं हो गी
- क्यो भला
- मेरे घर वाले मेरी शादी कही ओर करवा रहे हैं...
-.........................
- अब तुम चुप क्यों हो गई?
- तो हमारी शादी नहीं हो सकती..?
- क्यों नहीं हो सकती.. ?
- ... क्योंकि.....क्यो....कि..... हमारा प्यार भगोड़ा नहीं है.... समझे....??????
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