बसंत आया
बसंत आया, बसंत आया.
दुःखी पतझड की रवानगी करने,
नई कोंपले लेकर आया।
ठिठुरती ठंडीसे ठिठोली करने,
खुशमिजाज बसंत आया।
लेकर यह नव चेतन तन मन में,
नवसृजन की आस लाया।
आने वाला है शुभ समय जल्दीही,
उत्सवों की आहट लाया।
कला संस्कृति की मां शारदा आई
साथ ही मदन के बाण लाया।
विद्यार्थियों में उमंग,युवानो में प्यार
सभीकेलिए खुशियों के क्षण लाया।
धरती सजाकर स्वर्णफूलो के गहनोसे,
लगा जैसे कोई दुल्हन लाया।
लहलहाती फैसले,अनाज है आनेवाला,
किसानोके लिए चने गेहूं का सोना लाया।
सुनहरे फूल और मादक हवाएं
मनभावन मौसम लाया
कोयल की कूक मधुर,अमरवृक्ष पर मोजर लिए,
ऋतुराज वसंत आया
ऋतुराज वसंत आया।
सौ. अनला बापट
राजकोट