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एकम

" सुनिए..!"

आवाज सुनकर उसने सर उठा कर देखा! सामने एक लड़की खड़ी थी उसके साथ 4- 5 वर्ष की बच्ची भी थी!

" जी कहिए !,उसने कहा! "आंटी मुझे बच्चे के लिए स्कूल यूनिफॉर्म और कुछ बुक्स चाहिए!

" हां अभी देती हूं!" 

यूं तो उसकी किताबों की दुकान पर रोज कई कस्टमर आते है , पर इस लड़की को देखकर उसके मन में कई तरह के विचार आये! 

गोरा रंग लंबा कद! और अच्छे कपड़े देखने में वह एक साधारण लड़की लग रही थी, पर एक चीज जो बार-बार उसका ध्यान अपनी ओर खींच रही थी ! वह थी उसकी आंखें! बड़ी अजीब सी! उनमें से एक आख कांच की थी! जो उसके रूप पर ग्रहण की तरह थी! उसके साथ ही बच्ची बहुत खूबसूरत थी! वह सोचने लगी "ईसका पति पता नहीं कैसा होगा?"

इन सब बातों से उसका कोई मतलब नहीं था! पर पता नहीं क्यों उसके विचारों के घोड़े उसकी तरफ ही दौड़ रहे थे ,तभी एक सुंदर सजीला युवक अंदर आता दिखा! वह बच्ची भागकर "पापा पापा" कहकर उसे लिपट गई! ये क्या ? वो तो राजवीर था ! वह उसे पहचानती थी! वो लड़का अक्सर उसकी दुकान पर आता जाता था बुक्स खरीदने! 

कुछ सालों से वह नहीं दिखा!

पढ़ाई पूरी होने के बाद अक्सर बच्चे अपने काम में बिजी हो जाते हैं ! वह बहुत सालों से बाजार में किताबों की दुकान चला रही थी! बहुत से बच्चे उसने अपनी आंखों के सामने बड़े होते देखे! कुछ संपर्क में थे और कुछ नहीं !

राजवीर भी काफी सालों के बाद उसे उसे आज दिखा !

वह लड़की शायद उसकी बीवी थी! उसका मन  अवसाद से भर उठा! ये आजकल के बच्चे भी पैसों के लालच में बेमेल शादियां कर लेते हैं ! पैसे वाले लोग अपनी बदसूरत लड़कियों की शादी के लिए अच्छे लड़के दहेज देकर खरीद लेते हैं !

मध्यम वर्ग की अच्छी लड़कियों को अक्सर समझौते की शादी निभानी पड़ती है !

"आंटी कितने पैसे हुए!" आवाज सुनकर उसके विचारों की तंद्रा टूटी! पैसे लेकर वह बिखरा हुआ सामान समेटने लगी!

"आंटी ..!"उसने पीछे पलट कर देखा सामने राजवीर खड़ा था!

" हां कहो !कुछ रह गया!"

"नहीं आंटी मैं आपसे बात करने आया हूं! आपकी आंखों में उठे सवालों को मैंने पढ़ लिया है ! वैसे ये बताना कुछ जरूरी नहीं है ,पर ना जाने क्यों आज आपको सब बताने का मन किया!

"आंटी जी मेरी बीवी 'एकमजोत' है! हमारी शादी आज से 6 साल पहले घरवालों की पसंद से हुई थी! एकम एक मध्यमवर्गीय परिवार से बिलॉन्ग करती है!

पढ़ी-लिखी चाहे कम है पर बहुत ही सुशील और नेक लड़की है! उसे पाकर कोई भी लड़का खुद को खुशनसीब समझता!

हमारे घर की सुबह उसी की हंसी से शुरू होती है! मां बाबूजी उसे देख देख कर निहाल होते है! 

वह भी उनकी बहुत रिस्पेक्ट करती है! किसी शिकायत के बिना सारा दिन घर का काम करती ! सबकी बहुत केयर करती ! और मुझे बेइंतहा प्रेम! मेरा घर मानो स्वर्ग बन गया था! ऐसे में हमारी बेटी परी के आने की खबर आई !

मैं तो मानो कोई बादशाह बन गया!

मां बाबूजी भी फूले नहीं समा रहे थे !

मांँ एक बेटी की तरह उसकी केयर कर रही थी! परी के जन्म पर मानव मुझे सारी कायनात मिल गई ! मां बेटी ने मेरी जिंदगी सुखों से लबरेज कर दी! कब दिन शुरू होता कब ढल जाता पता ही नहीं चलता! पर कहते हैं एक दिन इंसान की जिंदगी में ऐसा आता है जब वह भगवान के आगे बेबस हो जाता है ! यह कहकर उसने एक गहरी सांस ली!

" राजवीर ऐसा क्या हुआ था  बोलो बेटा?" वो आगे सुनने को बहुत आतुर हो रही थी! उस दिन एकम का जन्मदिन था! उसे सुबह से ही बुखार था !डॉक्टर के पास दवाई लेने नहीं जाना चाहती थी! पर मैं जिद करके उसे हॉस्पिटल ले गया ! डॉक्टर को दिखाकर जब हम वापस लौट रहे थे! मौज मस्ती में रास्ते का पता ही नहीं चल रहा था !

"राजवीरररर!!"

अचानक  एकम  चिल्लाई !बाइक के आगे एक सरीऐ से लदा ट्रक जा रहा था ! अचानक उसने ब्रेक लगाई! मै अपनी धुन में जा रहा था!

एकम की चिल्लाने पर मैंने ब्रेक लगाने की कोशिश की पर ट्रक के बाहर झूल रहे सरिए मेरे मुंह की तरफ आ रहे थे ! एकम ने तेजी से मेरा सिर पकड़ कर नीचे कर दिया! पर इसी बीच एक सरिया उसकी आंख के भीतर घुस गया !यह सब एकदम अचानक से हुआ! मैं सन्न रह गया !कुछ भी समझ नहीं आ रहा था !आस पास इकट्ठे हुए लोगों ने हमें हॉस्पिटल पहुंचाया! काफी जद्दोजहद के बाद डॉक्टर ने ऐकम कों बचा तो लिया! पर उसकी एक आंख चली गई !उसकी जगह कांच की आखं लगानी पड़ी!

आंटी आपको पता है जब उसे यह सब पता चला मुझे छोड़ कर जाना चाहती थी! उसे लगता था कि वो मेरे लायक नहीं रही! और आप बताओ जो लड़की मेरी खातिर अपनी जान की बाजी लगा सकती है! ऐसी लड़की मुझे कहां मिलेगी ! अगर यही हादसा मेरे साथ होता क्या वह मुझे छोड़ कर चली जाती?"

मेरे बच्चे की मां है !और मेरी मां की बहू !मैं उसे कैसे छोड़ सकता हूं !आज भी मेरे घर में लगे हुए गमलों में फूल उसकी मेहनत से ही खिलते हैं !मेरे घर के बिस्तरों पर उसके हाथ की कड़ी हुई चांदनी बिछती है !मेरे घर की रसोई इस के बनाए हुए पकवानों से महकती है !एक आंख के जाने की वजह से किसी चीज में कोई फर्क नहीं पड़ा! फिर मेरी मोहब्बत में कैसे फर्क पड़ता? आज भी जब मैं उसको छूता हूं वह छुईमुई की तरह  सिमट जाती है ! आज भी ! वह मेरी पगडी के रंग से मैच करके दुपट्टा सर पर डालती है ! बहुत प्यार करती है वह मुझसे और मैं उससे !

मै तो बस गुनगुनाता हुँ.. 

"चांद तारे, फुल शबनम.. तुमसे  अच्छा कौन है "

यह सब बता कर राजवीर चला जाता है!

आज भी अच्छे लड़के हैं इस दुनिया में ! काश सबकी सोच राजवीर  जैसी हो जाए ! तो बेटियां किसी मां बाप पर बोझ नहीं रहेंगी! और ना मां-बाप को उनकी शादी की चिंता रहेगी! और ना उनके भविष्य की! उसके भीतर की मां भी जैसे आश्वस्त हो गई !अपनी बेटियों के फ्यूचर को लेकर हमेशा चिंतित रहती थी!!

       





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