मैं माइथोलॉजी लिखता हूं।मैं मर्डर मिस्ट्री लिखता हू। मैं हॉरर लिखता हूं। और आप पढ़ते हैं। ये रिश्ता हमेशा कायम रहेगा।
Book Summary
उसने प्रगति से लाख बार पूछा, क्या वो उससे प्यार करती है? मगर उसका हर बार एक ही जवाब होता, नहीं नील हम सिर्फ एक अच्छे दोस्त हैं। और तब नील प्रगति से दूर चला गया। वो चलता ही चला गया। बहुत दूर। पूर्व जन्म तक।
नील और प्रगति की रूह को मुक्त करवाने के वास्ते किसी एक जान का जाना लाज़मी था। अगर उसकी बेटी जाह्नवी को खरोंच भी आ जाती तो नील सदा सदा के लिए मृत्युलोक में क़ैद होकर रह जाता। अगर प्रगति के बेटे चिन्मय का बाल भी बांका होता तो वह खुद को कभी माफ नहीं कर पाती। ज्ञानू बाबा ने तब एक रास्ता निकाला जिससे बिना किसी नुकसान के नील और प्रगति की रूहों को मुक्ति दिलाई जा सकती थी मगर जाह्नवी की जिद्द बतौर एक बड़ी शक्ति उस खेल को बिगाड़ रही थी। और तब जब ज्ञानू की योजना पूरी तरह ध्वस्त नजर आने लगी तब किसी और को भी उस मामले में आगे आना पड़ा। उसे जो नील के जन्म जन्मों का प्यार था। जिसने उस मामले के हर पहलू को अपनी शक्तियों की मदद से कई जन्म पहले ही देख लिया था। कहते हैं इस मामले को संवारने के लिए उसने सदियों पहले अपनी आत्मा के एक टुकड़े को भविष्य में भेज दिया था। उसने, जिसका नाम जलसा था जिसने नील के साथ ही नेहा के रूप में जन्म लिया था। मामला ठीक ठाक निपट गया लेकिन कोई एक फिर भी जान से चला गया। कौन?