Deepak Karpe - (04 December 2024)क्या बात है, ऋचा! दिव्यांगता का परीक्षण हेतु क्या सटीक उदाहरण दिया है! वाकई आँखों पर पट्टी बांध, या एक कमरे में बैठ या मौन रहना एक सामान्य के लिए निश्चित ही दुष्कर होगा. अक्षमता की परिभाषा भी सही लगी. तुम्हारे विचार पढ़ ऐसा लगा कि मनुष्य में प्रबल इच्छाशक्ति होना चाहिए. आ. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदीजी का आभार जिन्होंने अक्षम और विकलांग शब्द के स्थान पर दिव्यांग जैसा सुसंस्कृत शब्द दिया. ऋचा तुम्हारी दृढ़ इच्छा शक्ति, सोच और परिश्रम पर हमें गर्व है।
उज्वला कर्पे - (03 December 2024)बिलकुल सही लिखा है ,सकारात्मक विचार रखो और आगे बढो प्रगती के पथ पर,यही शुभकामना
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Bhavna Harne - (03 December 2024)wow, I loved the article so much. you have made people understand the correct meaning of DIVYANG. Also I have experienced an extraordinary talent in all special children. keep it up 👏👏👏👏👏
Mrudula Raje - (03 December 2024)हमारे बचपन में एक फिल्म आयी थी, "दोस्ती" , जिस में एक अंधा लडका और एक अपंग लडका अपनी दोस्ती के बल पर क्या क्या कर सकते हैं, ये देख कर, उस उम्र में भी यह समझ गये थे, कि इव्हेंट अक्षम, विकलांग, समझना, यह हमारी कमजोरी है! उन दिनों में "दिव्यांग" शब्द नहीं आया था, फिर भी इस तरह की शारीरिक दुर्बलता होने के बावजूद ऐसी व्यक्ती के पास कुछ खास शक्ती होती है, जो उसे "दिव्यांग" नहीं, बल्कि "दिव्य" बनाती है! ऋचा जी, आप का लेख पढ़कर यह एहसास हुआ कि हमें बचपन से दिया हुआ यह ज्ञान यथार्थ है; और हमें दिव्यांग व्यक्ती को दया नहीं, बल्कि विश्वास की नजर से देखना हैं, उसे आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करना है! बहुत सुंदर लेख, बहुत बढ़िया संदेश!! 🙏💐