"मैं राष्ट्रभक्त हूं और आजीवन राष्ट्र की सेवा करता रहूंगा !" ---किरण कुमार पाण्डेय
Book Summary
ज्येष्ठ माह, शुक्ल पक्ष, तृतीया, विक्रम संवत् १५९७ तदनुसार ९ मई १५४० के दिन कुम्भलगढ़ किले पर महाराणा उदय सिंह की पत्नी महारानी जयवंता बाई के गर्भ से हिंदुत्व के उस प्रकाश पुंज का जन्म हुआ जिसे सम्पूर्ण विश्व "हिन्दुआ सूरज महाराणा प्रताप" के नाम से जानता है ! इस वर्ष ९ मई को महाराणा प्रताप का ४८५ वां जन्मदिन बड़े उत्साह से मनाया गया ! महाराणा प्रताप ने सम्पूर्ण जीवन अपने स्वाभिमान, अपनी संस्कृति और अपने धर्म की रक्षा के लिए जिया !" हमें महाराणा प्रताप के जीवन को आदर्श मानकर जीने की प्रेरणा मिलती है !
जय एकलिंग जी ...