"मैं राष्ट्रभक्त हूं और आजीवन राष्ट्र की सेवा करता रहूंगा !" ---किरण कुमार पाण्डेय
Book Summary
ओम् शांति.....
मित्रों ! सुख और दुख दोनों जीवन के दो पहियों के समान है क्योंकि जैसे ही कोई व्यक्ति इस धरती पर जन्म लेता है अनेकों सम्बन्ध बनने के साथ सबसे उसका जुड़ाव हो जाता है और जब वही व्यक्ति धरती पर अपना समय पूरा कर मृत्यु को प्राप्त होता है तो उसके परिवार वालों, सगे संबंधियों, नाते-रिश्तेदारों एवं परिचितों पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ता है ! सम्भवतः यह एक ऐसा समय होता है जब लोग स्वयं को नियंत्रित नहीं रख पाते और कभी कभार तो अपनी याददाश्त तक गंवा बैठते हैं !
ओम् शांति....