डा संगीता अग्रवाल - (15 September 2025)अक्षरशः सत्य वचन लिखे आपने,बस वो एक बात है न कि हम भेंड़चाल के शिकार बहुत आसानी से ही जाते हैं इसी वजह से अंग्रेजी देखदेखी में बोलने लगे हैं।
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Jayant Kulkarni - (15 September 2025)एक बहोत अच्छी बात आपने रुचाजी हिंदी दिवस पर काही है वो ये है की रोज बदलाव करनेसे किसी की भी आदत बदल जाती है. और धीरे धीरे अंग्रेजी शब्द अपनी बातोमे कम होते जायेंगे.
Seema Puranik - (14 September 2025)१००% सही कहा है । इसकी शुरुआत को दृढ़ता से अपनाने के उद्देश्य से मैंने अपने चालित ध्वनि यंत्र का लिपि फलक हिंदी/ मराठी रखा है और पूरा प्रयास करती हूं कि हिंदी, मराठी भाषी समूहों पर तथा मित्रों के साथ अपनी भाषा में ही वार्तालाप करूं । यह मेरा अपनी तरफ से किया गया एक छोटा सा प्रयास है।