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संसार सागर

संसार सागर


कवि Kavi Bharat कवि Kavi Bharat
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Rajeshwari Bajpai - (25 September 2025) 5
बहुत सुंदर रचना लिखी है मैं क्या बताऊं मेरा मन खुश हो गया इस संसार का नियम ही है जो देवोगे वही पाओगे किया नहीं तो करके देख पहले हमारे बुजुर्ग बताया करते थे की करने के बाद कड़ा ही में डालते हैं उल्टे लटकते सब यह कुछ नहीं यही का यही भोगना है इसलिए संसार सागर को मैं कहना चाहती थी सदा अच्छे कर्म करें पूरा कभी सोचना क्योंकि आप बुरा सोच के हम अपना टाइम बर्बाद करते हैं करना तो ईश्वर को ही है पर क्या करोगे कि-किसी को समझाएं यह संसार सागर है नहीं है कोई सजा जो देव के वही पाओगे या नहीं तो करके देख जो उद्देश्य हमको नहीं पसंद है वह दूसरों पर लागू न करें बहुत अच्छा लिखिए ऐसी रचनाएं लोग पढ़े तो उनका दिमाग में अच्छी सोच अच्छी बहन उभरे पहले महिलाओं के साथ होता था अब आज पुरुषों के साथ हो रहा है वही मेरा तो अंदाज है हर 10 साल के बाद एक समय बदलता है चाय फैशन में ले या विचारों में हर चीज बदल के आती है वही का वही जो देवकी वही पाओगे ईश्वर मंदिर में तो जाता है भगवान की भक्ति लगता हमको कुछ लोग तो दिखाने की करते हैं पर ईश्वर की भक्ति सरल आत्मा से और एकाग्र होकर बहुत बड़े तरीके से प्रभाव देता है ईश्वर बहुत प्यार है बहुत सुंदर है वह किसी का बुरा नहीं करता हमारे कर्मों का फल ही हमको मिलता है और हम उसे भोगने को तैयार नहीं रहते इसीलिए ईश्वर प्रदोष रखते हैं और यह बात सही है जो हमने किया है इसलिए हम चाहते हम अच्छी कम करें तो हमारी औलाद को हमारे आने वाली थी सुखी समृद्धि साली रहे और उनके दिल में भगवान अच्छे विचार दें ताकि वह परिवार समाज और देश के लिए एक अच्छा मानव की पहचान बनाकर धन्यवाद जी आपका बहुत-बहुत🙏🙏✍️✍️👌

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Publish Date : 25 Sep 2025

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