स्वाति उज्जैनकर - (08 November 2025)आदरणीय सोनवलकर काका..... सहज,सरल, सबको अपने से लगने वाले, दार्शनिक और गहन चिंतक। अपनी व्यथा को, अपने चिंतन को सीमित और सटीक शब्दों में व्यक्त करने वाले महान व्यक्ति। उनके चरित्र को उत्तम तरीके से साकार किया है। बहुत सुंदर, उम्दा लेखन