अब कोरोना काल में तो ऑनलाइन ही हो चली है शिक्षा । तो जाहिर है एक बड़ा परिवर्तन होते देख हमें भी अपनी पाठशाला याद आनी ही थी ।
हमने सोचा कुछ करें जिससे कोरोना काल कटे और ऐसे ही तरह - तरह के विषय दिए हमने अपनी इंदौर लेखिका संघ , इंदौर की लेखिकाओं को लिखने के लिए । इसी सिलसिले में यह अगली कड़ी है - मेरी पाठशाला ।
इसमें सभी लेखिका ने अपने - अपने संस्मरण लिखें हैं ।