वास्तविक नाम: रवि लायटू
मूलरूप से चित्रकार, विज्ञानपरक लेखन विशेषतः बाल-साहित्य में अग्रगण्य, औपचारिक शिक्षा: इंजीनियरिंग
बच्चों के अंदर वैज्ञानिक चेतना जगाने के उद्देश्य से प्रस्तुत की गईं एवं लोकप्रियता के आधार पर बिक्री के नए आयाम स्थापित करनेवाली '101 साइंस गेम्स', '101 साइंस...More
वास्तविक नाम: रवि लायटू
मूलरूप से चित्रकार, विज्ञानपरक लेखन विशेषतः बाल-साहित्य में अग्रगण्य, औपचारिक शिक्षा: इंजीनियरिंग
बच्चों के अंदर वैज्ञानिक चेतना जगाने के उद्देश्य से प्रस्तुत की गईं एवं लोकप्रियता के आधार पर बिक्री के नए आयाम स्थापित करनेवाली '101 साइंस गेम्स', '101 साइंस एक्सपेरिमेंट्स' व '101 मैजिक ट्रिक्स' जैसी पुस्तकों के लेखक ‘आइवर यूशिएल’ का जन्म साहित्यकारों की नगरी इलाहाबाद में हुआ।
पिता इंजीनियर थे अतः पैतृक व्यावसायिक परंपरा को कायम रखने के लिये शिक्षा इसी क्षेत्र में ली परन्तु रुचि एवं स्वभाव पर विदुषी क्रांतिकारी लेखिका माँ के साहित्यिक व कलात्मक क्रियाकलापों का प्रभाव अधिक रहा, इसीलिए लोहे-लक्कड़वाली तकनीकी ज़िन्दगी को त्यागकर लेखनी व तूलिका को ही पूरी तरह अपना साथी बना लिया।
बच्चों के लिए आज भी ऐसे शिक्षाप्रद एवं ज्ञानवर्धक साहित्य का अभाव है जो उन्हें रोचक लगे। इसी दिशा में आप जीव-जन्तु, ज्ञान-विज्ञान का खज़ाना, क्विज़ टाइम, विज्ञान के मनोरंजक खेल, 121 साइंस गेम्स एंड ट्रिक्स, पज़ल पैक, ‘करो और जानो: विज्ञान’, ‘सीखो और जानो: गणित’, मनोरंजक विज्ञान जैसे हिंदी व अंग्रेज़ी में किये गए प्रयास शुरुआत से ही देश भर के बच्चों द्वारा बेहद सराहे गए।
इन प्रयासों से मिले प्रोत्साहन के फलस्वरूप इसी परिपाटी पर पुस्तक महल एवं डायमंड पॉकेट बुक्स से लेकर प्रकाशन विभाग एवं नेशनल बुक ट्रस्ट तक जैसे दिल्ली के अनेक प्रतिष्ठित प्रकाशकों के साथ अब तक न केवल 75 से ऊपर छोटी-बड़ी पुस्तकों की रचना का कार्य सम्पन्न तथा यह सिलसिला अनवरत जारी। इनमें कुछ का असमिया, तेलुगु, बांग्ला, मराठी व कन्नड़ आदि के साथ-साथ कई विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद उपलब्ध। पुस्तकों के अलावा देशभर के समाचार-पत्रों एवं बाल-पत्रिकाओं में हज़ारों के संख्या में बालोपयोगी रचनाएं प्रकाशित।
मूलरूप से चित्रकार, अतः स्वलिखित पुस्तकों की साज-सज्जा भी स्वरचित। राजधानी दिल्ली में आयोजित कुछ एकल एवं सामुहिक प्रदर्शनियों में भागीदारी तथा एक दशक लंबी अवधि तक केवल बाटिक माध्यम पर उल्लेखनीय प्रयोगात्मक कार्य जो विदेशों में व्यक्तिगत संग्रहों में सुरक्षित।
समय-समय पर आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के बाल कार्यक्रमों के लिए रचनात्मक सहयोग। देश की प्रथम साप्ताहिक बाल-फ़ीचर सेवा ‘ज्ञाशिम’ का दस वर्ष से अधिक अवधि तक सफल सम्पादन।
संपर्क: सी-203, कृष्णा काउंटी, मिनी बाईपास, इज़्ज़तनगर, बरेली-243122
मो: 0 9456670808
ईमेल: ivarutial@rediffmail.com
Book Summary
पिछले चालीस वर्षों से विज्ञान व गणित को रोचक ढंग से प्रस्तुत कर, इन विषयों के प्रति बच्चों के मन में मित्रता का भाव जगाने के अपने प्रयास से मिले अनुभवों के आधार पर यह तथ्य तो मेरे लिए स्पष्ट हो गया है कि विज्ञान और गणित कक्षाओं में पढ़ाये जाने वाले केवल विषय नहीं हैं, यह हमारे जीवन का वो अभिन्न अंग हैं जिन्हें हमने पाठ्यक्रमों में बेहद रूखे-सूखे ढंग से समाहित कर अपनी नई पीढ़ी के समक्ष एक जटिल समस्या के रूप में प्रस्तुत कर दिया है l देखा जाए तो ज़रूरत इस बात की थी कि प्रारम्भ से ही खेल-खेल में बच्चों के साथ इन विषयों का परिचय कराया जाता ताकि सहज स्वाभाविक ढंग से हमारी नई पीढ़ी इन विषयों के साथ अपनी निकटता बढ़ा पाती और इस तरह विज्ञान व गणित के प्रति इन बच्चों के मन में डर की जगह दोस्ती का-सा भाव उपजता जो आगे चल कर इनको विषय के रूप में बेहतर तरीके से समझने में सहायक होता l इस समस्या के समाधान हेतु रोचक वैज्ञानिक बाल-साहित्य आशातीत प्रभाव पैदा कर सकता है, इसमें कोई संशय नहीं .....