15 जुलाई 2011 से श्रीमद भागवत के दशम स्कंध में जो भगवान कृष्ण की लीलाएं हैं उनको काव्य के रूप में लिखने की कोशिश की है और सबसे उत्तम बात उस दिन गुरु पूर्णिमा भी थी तो शायद ये गुरुओं के आशीर्वाद और प्रभु प्रेरणा से ही संभव हो पाया ............शायद इसी में हमारे कान्हा की मर्ज़ी है अब कब तक और क्या क्या लिखवाते हैं और आप सबको पढवाते हैं ये वो ही जानें। ये मेरा इस तरह का पहला प्रयास है कोई त्रुटि हो तो माफ़ी चाहती हूँ।