ट्रेन प्लॅटफॉर्म पर रुकी। लोगों की चहल पहल बढ गई। धक्का मुक्की का दौर चल पड़ा। ट्रेन में पाँव रखने को भी जगह नहीं थी।
इक्कीस बोगियों वाली रेल में मात्र दो बोगियां सामान्य थी ,अतः यात्री आरक्षित बोगियों में भी घुस पड़े।
तभी टिकिट चेकर ने प्रवेश किया।उसे देख एक स्मार्ट युवक बडबड़ाने लगा कि यात्री बिना आरक्षण किये आरक्षित बोगी में बैठ जाते है। आरक्षित यात्रियों को अकारण परेशानी का सामना करना पड़ता है।
टीसी ने जब युवक से टिकिट मांगा तो टिकिट के साथ युवक ने एक सौ रुपये का नोट भी बढ़ा दिया और एक आँख दबा दी। टी.सी.ने भी मुस्कुराते हुए नोट जेब के हवाले किया और नौजवान को एक सीट अलॉट कर दी।