नारे न्याय के

नारे न्याय के


कुमार अविनाश केसर कुमार अविनाश केसर

Summary

समाज सदा प्रताड़ित रहा है। इसमें प्रत्येक की अपनी व्यथा है। व्यष्टि की पीड़ा कभी समष्टि की पीड़ा नहीं बन सकती। व्यक्तिगत कष्ट का...More
Poem Poetry collection
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कवि, कहानीकार, ग़ज़लकार

Publish Date : 06 Apr 2023

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Chapter : 12


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Pages : 55

ISBN : 9788119193080

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