नदी हो तुम

नदी हो तुम


sandhya tikekar sandhya tikekar

Summary

कोई भी कविता ठीक वहीं से आरम्भ होती है, जहाँ से कोमल भावनाएँ शब्दों का आकार लेती हैं।गहन संवेदना से उपजी भावनाएँ समूची कठोरता को भी...More
Poem Poetry collection

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Publish Date : 30 Jan 2024


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Pages : 95

ISBN : 9789359105390

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