इस काव्य-संग्रह में उन्होंने समाज के कई मुद्दों को कविता के रूप में प्रस्तुत किया है। कई ऐसे मुद्दो पर अपनी आवाज़ भी उठाने का प्रयास किया है, जो आज के भौतिकवादी युग की ऐसी मजबूत कड़ी बन चुके हैं जो समाज को खोखला कर रही है। इन कविताओं में उनकी ऐसी भावनाएँ भी झलकती हैं जिन्हें हर व्यक्ति ने कभी न कभी अपने जीवन में महसूस किया होगा।