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डर लगता है!

डर लगता है!


विनोद पाराशर विनोद पाराशर
Poem
dr.sonil Sumit misra - (03 September 2020) 5
कॉरोनाकाल की सबसे बड़ी समस्या यही है। डर लगना। लेकिन डर कर रहें और स्वस्थ्य रहने में ही भलाई भी है।

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DHARMENDRA KUMAR - (29 August 2020) 5
बहुत बढ़िया प्रस्तुति

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mahi bhardwaj - (03 August 2020) 5
Ati sundar kavita

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Anuj Sharma - (02 August 2020) 5
Bahut khoob vinod ji adhbut rachna

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Rajiv Taneja - (02 August 2020) 5
ताज़ातरीन हालात पर मज़ेदार रचना

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Saroj Sharma - (02 August 2020) 5
Excellent poem on Corona. Congratulations.

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1.जन्मतिथि:01-07-1961 2.जन्म स्थान: गाँव-सिंगौली, जिला-मेरठ(उत्तर प्रदेश) वर्तमान में ,दिल्लीमें ही स्थायी निवास 3.एम.ए.(हिंदी) 4.साहित्यिक उपलब्धियां (i) वर्ष-1981 में प्रकाशित'क्षितिज के उस पार' ग़ज़ल-संग्रह का सहयोगी ग़ज़लकार। (ii) वर्ष-1991में,हिंदी अकादमी:दिल्ली के आर्थिक-सहयोग से'नया घर' कविता...More

Publish Date : 01 Aug 2020

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