नैसर्गिक- पाप

नैसर्गिक- पाप


सुषमा आजमी सुषमा आजमी

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स्त्री मन समाज के कैनवास पर हाशिए सा चांद है जिसे नैतिकता के नाम पर मर्यादा के खूंटे से कसकर बांधा जाता है|वहीं पुरुष मनोभावों को चांद...More
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कुछ भूली यादें कुछ बिखरे ख्वाब यही है मेरी दास्तां....

Publish Date : 21 Aug 2020

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