याद है न

याद है न


Indra Mohan Indra Mohan
Poem
विनोद पाराशर - (18 September 2020) 4
यूँ तो महकती हैं लाशें भी,अगर दफनायी न जाये! सुंदर अभिव्यक्ति!👌

1 1


एक सामान्य व्यक्ति जो भावनाओं से भरा मन रखता है।

Publish Date : 17 Sep 2020

Reading Time :


Free


Reviews : 1

People read : 22

Added to wish list : 0