शहीदों की धरती शाहजहांपुर के एक छोटे से गाँव मलिका(खुटार) का परास्नातक मतदाता।
Book Summary
तुम्हारे हाथ से लिखी,हमारे नाम की चिट्ठी कहाँ किस डाकखाने में पड़ी है,क्यों नहीं आती?
मुझे तुम भूल बैठे हो, यकीं मुझको नही होता,
मगर जब याद करते हो,तो हिचकी क्यों नहीं आती।
-ब्रह्म